roopak aur vimb vidhan anupam aur ras sanchar saksham kavita, bhuri bhuri badhai.- siddhanathsingh
nice sursti ka sanmaan aap ki is kavita me dikha
चन्द्र उरसिज से पिलाती दूध
धरा सुत को प्रकति माँ- kishan.R
बहुत सुन्दर रचना
गहन अनुभूति प्रदान करती हुई
अति मनभावन
रचना के लिए हार्दिक अभिवादन और धन्यवाद .- Vishvnand
साहित्यिक हिन्दी का प्रयोग आप की सब रचनाओं में बहुत उत्तम ! अति सुंदर! सृष्टी की ख़ूबसूरती हर शब्द में प्रकट होती है|-
http://p4poetry.com
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