मुझे बहुत खुशी है कि आप जो लिखते हैं मैं पढ़ सकता हूँ
पर बहुत दुःख इस बात का है कि जो पढ़ा उसका अर्थ नहीं लगा पाता हूँ .
इसलिए मैं आपकी हर कविता पढ़ता हूँ पर कुछ कमेन्ट नहीं देता
बहुत दिनों से चाह रहा था कि मैं अपना ये स्पष्टीकरण आपको दूँ .- Vishvnand
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