Wednesday, October 6, 2010

प्रतिलोम

मुझे बहुत खुशी है कि आप जो लिखते हैं मैं पढ़ सकता हूँ
पर बहुत दुःख इस बात का है कि जो पढ़ा उसका अर्थ नहीं लगा पाता हूँ .
इसलिए मैं आपकी हर कविता पढ़ता हूँ पर कुछ कमेन्ट नहीं देता

बहुत दिनों से चाह रहा था कि मैं अपना ये स्पष्टीकरण आपको दूँ .- Vishvnand

http://p4poetry.com/

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